कृषि समाचार

 Wheat Variety : 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं की पैदावार, इन नई किस्मों से किसान होंगे मालामाल

 Wheat Variety : 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं की पैदावार, इन नई किस्मों से किसान होंगे मालामाल

खेत तक, न्यू दिल्ली, 14, नवंबर, रबी सीजन में गेहूं की खेती किसानों के लिए खास महत्व रखती है। मध्य प्रदेश, देश का एक महत्वपूर्ण गेहूं उत्पादन केंद्र है, और यहां के उन्नत किस्मों वाले गेहूं की विदेशों तक आपूर्ति होती है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि किसान 10 से 30 नवंबर के बीच बुवाई करते हैं और उन्नत किस्मों का चयन करते हैं, तो कम पानी में भी बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इंदौर विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में विकसित तीन नई किस्में 75 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार देने में सक्षम हैं, जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए विशेष गेहूं किस्मों की सिफारिश की है, जिन्हें किसानों की जल उपलब्धता के अनुसार चुना गया है। निम्नलिखित तालिका में किस्मों के आधार पर उनकी पैदावार क्षमता का विवरण दिया गया है:

किस्मउपयुक्त जल स्थितिउत्पादन क्षमता (क्विंटल/हेक्टेयर)
एचआई 1544, JW 322सिंचित भूमि65
पूसा तेजस, पूसा तेजस्वी, पूसा अनमोलसिंचित भूमि60-65
JW 3465, JW 3382अर्ध सिंचित भूमि70
HI 1650, HI 1655, HI 1665सिंचित/कम सिंचित भूमि80
JW 3288, JW 3211तीन सिंचाई वाली भूमि50-55

फसल का समय और उर्वरक का उपयोग
कृषि वैज्ञानिक डॉ. केएस यादव के अनुसार, जिन किसानों के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन हैं, वे एचआई 1544 और JW 322 जैसी किस्मों का चयन कर सकते हैं। जिन किसानों के पास पानी की कमी है, उनके लिए JW 3288 और JW 3211 जैसे विकल्प बेहतर साबित हो सकते हैं। इन किस्मों की बुवाई का समय नवंबर में सबसे उपयुक्त है, और ये फसलें 115 से 125 दिनों में तैयार हो जाती हैं, जिससे किसानों को जल्दी और अच्छी पैदावार मिलती है।

उर्वरक के उपयोग पर जोर देते हुए, वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि किसान प्रति हेक्टेयर 120 किलो नाइट्रोजन, 60 से 80 किलो फास्फोरस और 40 किलो पोटाश का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, बुवाई से पहले जिंक पाउडर का छिड़काव (8-10 किलो प्रति हेक्टेयर) से पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जो उनके विकास को बेहतर बनाता है।

कम पानी में भी अधिक उत्पादन देने वाली किस्में
अर्ध-सिंचित भूमि या पानी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए, वैज्ञानिकों ने JW 3288 और JW 3211 जैसी किस्मों की सिफारिश की है। ये किस्में कम सिंचाई में भी अच्छी पैदावार देने के लिए जानी जाती हैं, जिससे किसानों को लाभ हो सकता है। इन किस्मों का पौधा 90-95 सेंटीमीटर तक बढ़ता है, और अच्छी देखभाल से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देने में सक्षम होता है।

अधिक पैदावार के लिए सही बीज चयन और समय पर बुवाई  
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, किसानों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे सही बीज का चयन करें और फसल की देखभाल में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं। मध्य प्रदेश के किसानों को सलाह दी गई है कि वे कृषि वैज्ञानिकों की सिफारिशों का पालन करें और नई किस्मों के साथ उन्नत तकनीकों का उपयोग करें, ताकि उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सके।

Sandeep Verma

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